विधायक बेहड़ और सीएम धामी की फ़ोन पर वार्ता के बाद” एक्शन मे आई सरकार” बेहड़ ने धामी का जताया आभार” जानिए पूरा हाल।

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एक्शन मे धामी सरकार” किच्छा के विधायक तिलकराज बेहड़ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी को फोन कर बताया मौजूदा हाल” बेहड़ की शिकायत का लिया गया तत्काल संज्ञान, ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा तहसील के लालपुर में तालाब खोदने का नाम पर एनएचएआई के निर्माण कार्य में मिट्टी उपलब्ध कराने के नाम पर हो रहे लाखों रुपए के अवैध खनन को फिलहाल रोक दिया गया है और मिट्टी निकालकर एनएचआई को देने की परमिशन लेने वाले पर करीब 12 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इस कार्यवाही को एसडीएम किच्छा कौस्तुभ मिश्रा और खनन निदेशक दिनेश कुमार की टीम ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया है।

लेकिन प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही से किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ नाखुश हैं उनका कहना है कि यह कार्यवाही महज खानापूर्ति करने के लिए की गई है। तिलकराज बेहड़ ने आरोप लगाया है कि जिन अधिकारियों का संरक्षण इन खनन माफियाओं को प्राप्त था, उन्ही अधिकारियों को आखिरकार मामले की जांच क्यों दी गई, जहां 15000 घन मीटर मिट्टी निकाल कर लाखों के वारे न्यारे किए गए है। तो वहीं महज 5000 घन मीटर मिट्टी चोरी का ही जुर्माना क्यों लगाया गया? तिलक राज बेहड़ ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के नेतृत्व में होनी चाहिए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। इसके साथ ही तिलकराज बेहड़ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि मैंने जैसे ही पुष्कर सिंह धामी को इस पूरे मामले से अवगत कराया वैसे ही सरकार एक्शन मूड में आ गई।

विधायक तिलकराज बेहड़ ने यह भी आरोप लगाया है कि यह मिट्टी एनएचएआई के नाम पर निकालकर एक भाजपा नेता के निजी खाली प्लॉट पर डाली जा रही है।

हालांकि इस पूरे मामले में फिलहाल एनएचएआई के अधिकारियों से भी प्रशासनिक अधिकारी यह जानकारी लेने में लगे हैं कि आखिरकार इस मिट्टी की आवश्यकता कहां थी और कहां NH के निर्माण में इस मिट्टी का उपयोग होना था।

हालांकि मामला सबसे पहले खबर पड़ताल ने उठाया था और इस खबर का संज्ञान एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा ने लिया था और उन्होंने तत्काल प्रशासनिक अधिकारियों को भेजकर मामले की जांच शुरू की थी।
अब आवश्यकता है कि प्रशासन धाकड़ धामी सरकार के मूड के हिसाब से इस पूरे मामले में निष्पक्ष तौर पर पुनः खनन वाले इलाके में जाकर जांच पड़ताल करें और देखें कि आखिरकार कितने घन मीटर मिट्टी निकाली गई है। इसके साथ ही बताया यह भी जा रहा है कि वन विभाग की जमीन से भी मिट्टी निकाली गई है, जिसकी जांच होनी अभी बाकी है।

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