*पीएम मुद्रा लोन योजना के नाम पर कई राज्यों के लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, गिरोह के 2 सदस्य गिरफ्तार…*

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देशभर में पीएम मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी करने वाले “साईबर ठगों के गिरोह” का उत्तराखंड एसटीएफ ने भण्डाफोड़ किया है। एसटीएफ ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे 1,31,100 रूपये, 64 सिम कार्ड, 11 एटीएम कार्ड, 10 मोबाईल फोन, 02 पासबुक, 07 बैंकों की चैक बुक बरामद किए हैं।

देशभर में पीएम मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी करने वाले साइबर ठगों के गिरोह का एसटीएफ ने खुलासा किया है. एसटीएफ ने गिरोह के दो सदस्यों को प्रेमनगर से गिरफ्तार किया है. गिरफ्त में आये गिरोह के सदस्यों ने बताया ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही थी. एसटीएफ की टीम ने गृह मंत्रालय के 14C के अलग-अलग वेब पोर्टलों की सूचना पर कार्यवाही की है. इस गिरोह का सरगना दीपक राज शर्मा अभी फरार है. जिसकी तलाश की जा रही है।

एसटीएफ को कैसे मिली गिरोह की जानकारी: बता दें प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम से देश भर में कई राज्य के लोगों के साथ ठगी की घटनाओं के मद्देनजर एसटीएफ ने गृह मंत्रालय के 14C के अलग-अलग वेब पोर्टलों को चेक किया. जिसमें पाया कि मुद्रा लोन योजना के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले कुछ संदिग्ध मोबाइल नम्बर वर्तमान में थाना प्रेमनगर जनपद देहरादून क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय हैं. जिससे यह साफ हो गया कि थाना प्रेमनगर क्षेत्र में रहकर कोई साईबर ठगों का गिरोह अलग-अलग नम्बरों का इस्तेमाल कर देशभर में ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इस पर एसटीएफ टीम ने अलग-अलग नम्बरों के डेटा को चेक किया. साथ ही कई संदिग्ध बैंक अकाउंट के लेनदेन की डिटेल चेक की गई. जिसमें पाया गया कि इन संदिग्ध बैंक खातों में देशभर के करीब हर राज्य से अलग अलग लोगों ने हर दिन 25 से 30 हजार रुपये की किस्तों में लाखों रुपये जमा किये जा रहे हैं. प्रथम दृष्टया प्रकाश में आये संदिग्ध 3 बैंक खातों में ही पिछले 2 महीने में करीब 1.5 करोड़ रुपये जमा करवा चुके हैं. इन खातों में देशभर के लगभग सभी राज्यों से पैसे जमा किये गये. विशेषकर भारत के दक्षिणी राज्य तेलंगाना,आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र कर्नाटक से ज्यादा धनराशि जमा की गई. इस सम्बन्ध में प्रथम दृष्टया दक्षिण भारत के राज्यों में ऑनलाइन ठगी की घटनाओं की सैकड़ों ऐसी शिकायतें मिली हैं. जिनसे मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी की जा रही थी. जिनमें से अभी तक 35 शिकायतें तेलंगाना, आंध्रा और महाराष्ट्र राज्य में दर्ज पायी गयी. ठगी की इन घटनाओं में सम्बन्धित गिरोह प्रेमनगर देहरादून में रहकर यह गिरोह संचालित कर रहे थे।

इस गिरोह के सम्बन्ध में एसटीएफ ने पुख्ता जानकारी जुटाये. प्रेमनगर से गिरोह का संचालित होना कंफर्म हुआ, मगर यह गिरोह कहां से संचालित हो रहा है उसके बारे में जानकारी नहीं हो पा रही थी. इस गिरोह के सदस्यों द्वारा केवल फर्जी सिम कार्डों का इस्तेमाल किया जा रहा था. उसमें तकनीक का प्रयोग करके अपनी लोकेशन को कहीं दूर दिखाया जा रहा था. इस पर एसटीएफ ने कार्य योजना बनाकर पिछले 15 दिनों से प्रेमनगर क्षेत्र में ही रहकर इस गिरोह के बारे में जानकारी इकट्ठी की. जिसके बाद इस गिरोह के दो सदस्यों राहुल चौधरी और सिद्धान्त चौहान को थाना प्रेमनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. टीम ने इनके कब्जे से 1,31,100 रुपये, 64 सिम कार्ड, 11 एटीएम कार्ड, 10 मोबाइल फोन, 02 पासबुक, 7 बैंकों की चेकबुक बरामद की. पकड़े गये आरोपियों ने पूछताछ में गिरोह के सरगना का नाम दीपक राज शर्मा बताया, जो जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, गिरोह कैसे देता था ठगी को अंजाम: इस गिरोह के मुख्य सदस्य राहुल चौधरी उर्फ राहुल कनौजिया के पास कोई काम नहीं था. वह 12 वीं पास है. राहुल, दीपक राज शर्मा के गांव के बगल के गांव का रहने वाला है. दीपक ही राहुल को गांव से देहरादून लाया था. दीपक राज शर्मा देहरादून में पिछले 4-5 सालों से रह रहा है. उसने राहुल को बताया कि कॉल करके लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के बारे में जानकारी देनी है. खुद को वह इस योजना कार्यालय का सरकारी कर्मचारी बताता था. उन्हें मुद्रा लोन दिलाने में मदद करने का लालच देता था. मुद्रा लोन स्वीकृत होना बताकर सरकार से ज्यादा सब्सिडी पाने के लिये कमीशन और प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में अपने बताये गये बैंक खातों में स्वीकृत कराये गये लोन के मुताबिक 5 से 10 प्रतिशत धनराशि को जमा करा दी जाती थी. जिसके लिये सभी खाते और प्रयोग किये जाने वाले नम्बर फर्जी होते थे. इस पूरे गैंग को दीपक राज शर्मा संचालित कर रहा था. उसके दक्षिण भारत के राज्यों के लोगों से मुद्रा लोन योजना के नाम धोखाधड़ी करने के लिये 4-5 लड़के आंध्र प्रदेश आदि राज्यों के रखे हुए थे. इसके लिये सभी फर्जी खाते खोले गये थे. फर्जी नम्बर भी इन खातों से जोड़े गये. जैसे ही पैसे जमा होता, मैसेज मिलते ही तत्काल एटीएम से पैसों को निकाल दिये जाते थे. ठगी के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले सारे सिम कार्डस फर्जी आईडी पर लिये जाते हैं. जिन्हे प्रति सिम 1000 रुपये में खरीदा जाता है. 3-4 महीने बाद उन खातों के एटीएम प्रयोग किये गये मोबाइल सिम को तोड़कर फेंक दिया जाता था, एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया इस सारे गिरोह का मास्टरमाइंड दीपक राज शर्मा है. दीपक राज शर्मा ठगी के पैसों से ही सुद्धोवाला में एक जमीन खरीदकर उस पर अपना हॉस्टल बना रहा है. ठाकुरपुर में नित्या रेडीमेड गारमेंट नाम से उसने दुकान भी खोल रखी है. यह गिरोह प्रत्येक सप्ताह में करीब 5 से 6 लाख की ठगी कर लेता है।

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