बच्ची के इलाज में लापरवाही बरतना शहर के एक नामी नर्सिंग होम को भारी पड़ गया, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने चिकित्सालय एवं प्रबंधक पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए सारी रकम एकमुश्त अदा करने के आदेश दिए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार दमुवाढूंगा खाम जवाहर ज्योति में रहने वाले सुरेंद्र कुमार प्राइवेट नौकरी करते हैं। 18 अक्टूबर 2017 को उनकी एक साल 8 माह की बेटी हर्षिका को बुखार आया। वह बच्ची को तिकोनिया जीबी पंत मार्ग स्थित एक SK निजी नर्सिंग होम ले गए। यहां बच्ची का उपचार गलत होने से उसकी हालत बिगड़ गई। शहर के दो और निजी अस्पताल में दिखाने के बाद गुड़गांव और फिर बच्ची को एम्स में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने बताया कि इंफेक्शन की वजह से बच्ची को गैंगरीन हो गया है। जिसके चलते हथेली से उसके हाथ काटने पड़े। मामले में बच्ची की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुमित बजाज व शौरभ कुमार पांडे ने यह जानकारी दी है। इस मामले में फोरम के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य विजयलक्ष्मी थापा व सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने एसके नर्सिंग होम की डा.अदिति जैमन गुप्ता एसके नर्सिंग होम एंड हास्पिटल जीबी पंत मार्ग तिकोनिया और मैसर्स एसके नर्सिंग होम एंड हास्पिटल के मैनेजर पर 15 लाख का जुर्माना लगाया। ये रकम एकमुश्त पीड़िता को देने के आदेश हैं। इसमें से 5 लाख रुपये हर्षिका के खाते में जमा करने और 10 लाख रुपये माता-पिता के संयुक्त खाते में जमा करने को कहा गया है, 10 लाख रुपये से पीड़िता की शिक्षा, पालन व इलाज होगा।
*बच्ची का लापरवाही से इलाज करने के मामले में शहर के इस नर्सिंग होम पर लगा 15 लाख का जुर्माना, पढ़िए पूरा मामला…*
