
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रमोद कुमार उर्फ वासू खुद को आर्मी अफसर बताकर युवाओं को झांसे में लेता था और उनसे लाखों रुपये की ठगी करता था।





आर्मी इंटेलिजेंस की सूचना पर हुई कार्रवाई
उत्तराखंड एसटीएफ को सेना की खुफिया एजेंसी (आर्मी इंटेलिजेंस) से जानकारी मिली थी कि एक व्यक्ति फर्जी आर्मी अफसर बनकर युवाओं को सेना में भर्ती कराने का झांसा दे रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ ने जांच शुरू की और आरोपी की गतिविधियों पर नजर रखी।
फर्जी भर्ती और लाखों की ठगी
जांच के दौरान एसटीएफ ने उन युवाओं से संपर्क किया, जो इस ठग का शिकार हुए थे। युवाओं ने बताया कि प्रमोद कुमार खुद को सेना का अधिकारी बताता था और कहता था कि उसकी आर्मी में ऊंची पहुंच है। वह युवाओं को सेना में ट्रेडमैन पद पर भर्ती कराने का झांसा देता था और बदले में प्रति व्यक्ति 3 से 3.50 लाख रुपये लेता था।
आरोपी ने सेना की वर्दी पहनकर मिलिट्री हॉस्पिटल, देहरादून में भी युवाओं से मुलाकात की थी, जिससे उन्हें भरोसा हो गया कि वह वास्तव में आर्मी अफसर है।
फर्जी दस्तावेज बनाकर करता था धोखाधड़ी
एक पीड़ित परवेज ने बताया कि उसे सेना में चालक पद पर भर्ती कराने का झांसा दिया गया था। प्रमोद कुमार ने परवेज को एक एडमिट कार्ड और मेरिट लिस्ट भी दी, लेकिन जब परवेज मिलिट्री हॉस्पिटल पहुंचा तो पता चला कि वह मेरिट लिस्ट पूरी तरह फर्जी थी और उसमें नाम एडिट करके जोड़ा गया था। ठगी का अहसास होने पर परवेज ने पटेलनगर कोतवाली में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
गिरफ्तारी और बरामदगी
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ ने मिलिट्री इंटेलिजेंस और पटेलनगर पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की। आरोपी प्रमोद कुमार को पटेलनगर के चन्दमणि रोड से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से एक फर्जी आर्मी पहचान पत्र, एक जोड़ी आर्मी की वर्दी, अन्य आर्मी से संबंधित पोशाक और मोबाइल फोन बरामद किए गए।
आरोपी के घर पर भी फर्जीवाड़ा
एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने अपने सहारनपुर स्थित घर पर भी आर्मी की फर्जी नेम प्लेट लगा रखी थी, ताकि लोगों को विश्वास दिला सके कि वह सेना का अधिकारी है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और यदि इस ठगी में किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता सामने आती है तो उसकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।