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सीबीआई ने 10 महीने की जांच के बाद रेलवे के ट्रैक्शन रिचार्ज डिपो में हुई लाखों रुपए के सामान की हेरा फेरी के मामले में तत्कालीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर के खिलाफ गबन, जालसाजी और भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया है. साथ ही सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेज भी बनाए थे।

बता दें कि साल 2023 में हर्रावाला स्थित टीआरडी (Traction Distribution) में गड़बड़ी और सामान की हेरा फेरी की शिकायत सीबीआई को की गई थी. इसके बाद सीबीआई ने रेलवे से अनुमति लेने के बाद हर्रावाला स्थित इस डिपो का निरीक्षण किया और जांच शुरू कर दी. जानकारी के अनुसार वीरभद्र से नए ऋषिकेश रेलवे स्टेशन तक के 25 केवी ओवरहेड ट्रैक्शन लाइन का काम मेसर्स मनराज इंटरप्राइजेज नई दिल्ली को दिया गया था. इस फर्म ने 20 अक्टूबर 2018 को काम शुरू किया और 30 सितंबर 2020 में खत्म कर दिया था।

इसके बाद इस ट्रैक्शन लाइन के निर्माण के बाद जो उपकरण बचे उन्हें फर्म ने रेलवे विकास निगम के वीरभद्र स्टेशन के कार्यालय में सौंप दिया. वीरभद्र रेलवे स्टेशन हर्रावाला स्थित टीआरडी के अंतर्गत आता है. इसके इंचार्ज उस समय सीनियर सेक्शन इंजीनियर श्रीराम मीणा थे. जो बचे हुए उपकरण थे, उन्हें रेल विकास निगम के सीनियर मैनेजर विनोद शर्मा ने टीआरडी इंचार्ज हर्रावाला को सौंप दिया था. इसके लिए उपकरणों की एक लिस्ट पर मीणा ने हस्ताक्षर भी किए थे. लेकिन डिपो में जो उपकरण रखे जाने थे, उनके स्थान पर दूसरे उपकरणों को रख दिया गया. इसके लिए मीणा ने वहां से ओरिजिनल सूची के स्थान पर फर्जीवाड़ा कर बनाई सूची को रख दिया. आरोप लगा कि श्रीराम मीणा ने 17 लाख रुपए से ज्यादा के यह उपकरण कहीं गायब कर दिए।

सीबीआई को मिली जांच के दौरान प्राथमिक जांच के दौरान ही श्रीराम मीणा को दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया था. अब जांच पूरी होने के बाद श्रीराम मीणा के खिलाफ गबन, जलसाजी और भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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