नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में गुरुवार को जमकर बवाल हुआ। कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गईं और एक-दूसरे पर सदस्यों को गायब करने व गुंडागर्दी के आरोप लगाए। कांग्रेस ने दावा किया कि उनके पांच बीडीसी सदस्यों का सुबह मतदान स्थल से अपहरण कर लिया गया, जबकि बीजेपी ने भी कांग्रेस पर चार जिला पंचायत सदस्यों को गायब करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दी।
घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने चुनाव छोड़कर नैनीताल हाईकोर्ट का रुख किया। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए एसएसपी, डीएम और एएसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने के निर्देश दिए। कोर्ट ने आदेश दिया कि गायब सदस्यों को तुरंत खोजकर मतदान केंद्र तक लाया जाए, सभी को पुलिस सुरक्षा दी जाए और मतदान का समय बढ़ाया जाए। अधिकारियों को शाम 4:30 बजे तक रिपोर्ट पेश करने को भी कहा गया।
सुबह से ही माहौल तनावपूर्ण रहा। आरोप है कि दोनों दलों के समर्थकों के बीच लात-घूंसे चले, जिसके बाद नैनीताल के सभी मार्ग पुलिस ने सील कर दिए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, संजीव आर्या, सुमित हृदयेश, भुवन कापड़ी और उम्मीदवार पुष्पा नेगी समेत सैकड़ों कार्यकर्ता कोर्ट पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई।
इस राजनीतिक टकराव में बीजेपी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मोर्चा संभाला, जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर मोर्चा खोला।