पिछले दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने बुधवार को रुद्रपुर शहर के कई इलाकों में आफत ला दी। खासकर जगतपुरा, मुखर्जी नगर और आजाद नगर में कल्याणी नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से हालात बेकाबू हो गए। सुबह होते-होते इन क्षेत्रों की गलियां ही नहीं, बल्कि घरों के भीतर तक पानी भर गया।
लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। कई परिवारों के घरों में रात से ही पानी घुसने लगा था, लेकिन सुबह तक जलस्तर इतना बढ़ गया कि लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े। कुछ लोग जरूरी सामान समेट नहीं सके, और जैसे-तैसे बाहर निकले। वहीं, कई बुजुर्ग और बच्चे घरों में ही फंसे रह गए। कुछ मकानों की छतों पर लोग चढ़ गए और मदद की गुहार लगाने लगे।
सुबह करीब 7:30 बजे आपदा नियंत्रण कक्ष रुद्रपुर को इसकी सूचना मिली। हालात की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एसडीआरएफ टीम को रवाना किया गया। निरीक्षक अर्जुन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में टीम ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
स्थिति अत्यंत चुनौतीपूर्ण थी। पानी का बहाव तेज था, और गलियों में बाढ़ जैसा दृश्य था। एसडीआरएफ टीम ने बिना समय गंवाए राफ्ट के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। एक-एक करके घरों में फंसे लोगों को निकाला जाने लगा। कई स्थानों पर पानी का स्तर इतना अधिक था कि टीम को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ी।
लगभग तीन घंटे चले इस राहत और बचाव अभियान में टीम ने कुल 45 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे। सभी को पास के सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जहां प्रशासन द्वारा अस्थायी राहत व्यवस्था की गई है।
एसडीआरएफ की तत्परता और समर्पण से एक बड़ा हादसा टल गया। लोगों ने टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि थोड़ी देर और हो जाती, तो स्थिति और बिगड़ सकती थी।
वहीं, जिला प्रशासन की ओर से भी लगातार हालात पर नजर रखी जा रही है। नगर निगम द्वारा पंप लगाकर जल निकासी के प्रयास शुरू किए गए हैं। साथ ही, स्थानीय पुलिस और अन्य राहत एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया है।
बारिश अभी भी रुक-रुक कर जारी है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में और वर्षा होने की संभावना है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे निचले इलाकों से दूर रहें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता नंबरों पर संपर्क करें।
रुद्रपुर में ऐसी जलभराव की स्थिति हर साल बनती है, लेकिन इस बार कल्याणी नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि ने हालात को और अधिक भयावह बना दिया। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं, पर मौसम की चाल से सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।