बाजपुर/रुद्रपुर। अपनी पैतृक जमीन को लेकर भाई पर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज और धमकी देने के आरोप लगाने वाली नीना शर्मा को राहत नहीं मिल सकी। उनकी आपराधिक निगरानी याचिका खारिज कर दी गई है। यह कहा गया कि मामला जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा है, जो दीवानी (सिविल) प्रकृति का है और इसमें कोई सीधा आपराधिक मामला नहीं बनता।
नीना शर्मा ने कहा था कि उन्होंने 2018 में अपनी मां और भाई के नाम एक पावर ऑफ अटॉर्नी बनाया था, ताकि वह जमीन की देखभाल कर सकें। लेकिन बाद में उनके भाई ने धोखे से वह जमीन बेच दी और 96 लाख रुपये की रकम भी उन्हें नहीं दी। साथ ही फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनके नाम से बैंक खाता खोलकर लोन लिया गया।
सुनवाई के दौरान सामने आया कि पावर ऑफ अटॉर्नी नीना शर्मा ने खुद दी थी, बैंक खाता भी उनकी जानकारी में खोला गया और ऋण की रकम उनके भाई ने चुकाई। नीना शर्मा ने बाद में वह पावर ऑफ अटॉर्नी रद्द कर दी थी।
सभी तथ्यों की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि विवाद पारिवारिक संपत्ति को लेकर है और इसे जबरन आपराधिक केस का रूप देने की कोशिश की गई। इसी आधार पर 11 जुलाई 2025 को याचिका को खारिज कर दिया गया।