मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ को देहरादून पुलिस ने ज़मीनी स्तर पर सफलतापूर्वक अमल में लाते हुए 25 छद्मवेशी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है, जो साधु के भेष में उत्तराखंड में भ्रमण कर रहा था।
पुलिस ने बताया कि ये लोग साधु-संतों का रूप धारण कर स्थानीय लोगों, खासकर महिलाओं और युवाओं को बहला-फुसलाकर ठगी करने का प्रयास कर रहे थे। ज्यादातर आरोपियों के पास कोई वैध पहचान, न ज्योतिष या धार्मिक ज्ञान से संबंधित प्रमाण मौजूद नहीं थे।
नेहरू कॉलोनी से शुरू हुई कार्रवाई
दून एसएसपी अजय सिंह ने शुक्रवार को नेहरू कॉलोनी क्षेत्र का दौरा कर सड़क किनारे बैठे साधु वेशधारियों से खुद पूछताछ की। अधिकांश लोग संतोषजनक जानकारी देने में विफल रहे, जिस पर मौके से गिरफ्तारियां की गईं। बाद में 170 बीएनएसएस के तहत मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही की गई।
बांग्लादेशी नागरिक से खुफिया एजेंसियों की पूछताछ
सहसपुर क्षेत्र में पकड़े गए बांग्लादेशी बाबा के खिलाफ विदेशी अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है। एलआईयू और आईबी की टीम उससे पूछताछ कर रही हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उसकी यहां मौजूदगी के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है।
CM धामी का स्पष्ट संदेश: नहीं बख्शे जाएंगे समाज के कालनेमि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को ऑपरेशन की शुरुआत करते हुए कहा था कि “जैसे रामायण में कालनेमि ने साधु का वेश धरकर लोगों को भ्रमित किया था, वैसे ही आज भी समाज में ऐसे कई कालनेमि सक्रिय हैं। इनका पर्दाफाश कर कार्रवाई की जाएगी।”
ढोंगियों के खिलाफ पुलिस की सख्ती जारी रहेगी
एसएसपी अजय सिंह ने स्पष्ट किया कि देवभूमि की पवित्रता और धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऑपरेशन कालनेमि के अंतर्गत हर थाना प्रभारी को अपने क्षेत्र में ऐसे भेषधारी ठगों को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पौराणिक दृष्टांत – कालनेमि कौन था?
रामायण के अनुसार कालनेमि रावण का मामा था, जिसने हनुमान जी को रोकने के लिए साधु का भेष धरकर छल किया था। लेकिन हनुमान जी ने उसकी असलियत पहचान ली और उसका वध किया। इसी संदर्भ में आज के समाज में ऐसे पाखंडियों को ‘कालनेमि’ कहकर चिन्हित किया गया है।