धार्मिक नगरी हरिद्वार से एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने मां जैसे पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया है। रानीपुर कोतवाली पुलिस ने एक 13 वर्षीय नाबालिग बच्ची की शिकायत पर उसकी ही मां को गिरफ्तार किया है। बच्ची का आरोप है कि उसकी मां जनवरी से अपने दोस्तों के साथ उसका यौन शोषण करवा रही थी। मामला तब खुला जब बच्ची रोते हुए अपने पिता के पास पहुंची और पूरी आपबीती सुनाई। पुलिस ने महिला के दो सहयोगियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी महिला बीजेपी की पूर्व पदाधिकारी
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी महिला भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुकी है। राजनीति में सक्रिय रही यह महिला अक्सर पार्टी के कार्यक्रमों में नजर आती थी। बीजेपी जिला अध्यक्ष आशुतोष के अनुसार महिला को वर्ष 2024 में ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, हालांकि कारण स्पष्ट नहीं किया गया।
5 महीने से चल रहा था हैवानियत का सिलसिला
पुलिस के अनुसार बच्ची के साथ अत्याचार की शुरुआत 26 जनवरी 2025 को हुई थी, जो मई अंत तक यानी पूरे 5 महीने तक जारी रही। बच्ची ने पुलिस को बताया कि उसकी मां उसे हरिद्वार, वृंदावन, आगरा सहित कई शहरों में ले जाती थी। वहां दो होटल रूम बुक होते थे – एक में मां रुकती थी, दूसरे में बच्ची को मां के दोस्तों के साथ ठहराया जाता था, जहां उसके साथ दुष्कर्म होता था।
रानीपुर पुलिस भी रह गई हैरान
रानीपुर कोतवाली प्रभारी कमल मोहन भंडारी ने बताया कि जब रोती-बिलखती बच्ची ने अपनी आपबीती सुनाई तो हर कोई सन्न रह गया। पुलिस ने आरोपी महिला को शिवमूर्ति चौक स्थित होटल से गिरफ्तार किया। महिला वहीं अपने एक पुरुष मित्र के साथ रह रही थी।
महिला का मोबाइल खोलेगा राज
पुलिस ने महिला और उसके सहयोगियों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं। कॉल डिटेल, चैट हिस्ट्री और लोकेशन डेटा के आधार पर पुलिस पुख्ता सबूत जुटा रही है। जल्द ही एक विशेष टीम वृंदावन और आगरा जाकर घटनास्थलों की जांच करेगी।
पिता ने जताया दुख, खोले पुराने राज
बच्ची के पिता ने बताया कि उन्होंने पूर्व में भी पत्नी को चेताया था कि वह बेटी को अपने साथ घूमने न ले जाए। मार्च में उन्होंने पत्नी और उसके मित्र को बेटी के साथ एक ब्यूटी पार्लर में देखा था और तब भी विवाद हुआ था। पिता ने कहा कि उन्हें पत्नी के किसी और के साथ रहने से कोई आपत्ति नहीं, लेकिन बेटी के साथ हुए अमानवीय बर्ताव से वे टूट चुके हैं।
महिला आयोग की दखल
उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने भी मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने हरिद्वार पुलिस से पूरे मामले की जानकारी ली और पुलिस कार्रवाई की सराहना की। आयोग ने भरोसा दिलाया है कि जरूरत पड़ने पर परिवार को हर संभव सहयोग मिलेगा।
यह मामला बेहद संवेदनशील और गंभीर है। पीड़िता की पहचान को गोपनीय रखना आवश्यक है। पुलिस और महिला आयोग की ओर से मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त कार्रवाई की जा रही है। समाज को जागरूक रहना होगा ताकि इस तरह की घटनाओं की समय पर पहचान हो सके और बेटियों को सुरक्षित भविष्य मिल सके।