उत्तराखंड के सितारगंज से एक बड़ी खबर सामने आई है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय बिथा अकबर में कार्यरत प्रधानाध्यापक अनिल कुमार को फर्जी बीटीसी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
अनिल कुमार की नियुक्ति सहायक अध्यापक के पद पर वर्ष 1997 में हुई थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने वर्ष 1990 में जिला एवं प्रशिक्षण संस्था, चमोली से बीटीसी किया है, जिसका अनुक्रमांक 515 बताया गया। लेकिन बंडिया, किच्छा निवासी एक व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत के बाद बीईओ भानु प्रताप कुशवाहा ने प्रमाणपत्र की जांच कराई।
सत्यापन के लिए जब प्रमाणपत्र चमोली भेजा गया, तो रिपोर्ट में साफ हो गया कि अनिल कुमार ने बीटीसी का फर्जी प्रमाणपत्र बनाया है। विभाग ने उन्हें तीन बार स्पष्टीकरण देने का मौका भी दिया, लेकिन वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
जांच रिपोर्ट और जिला प्रशिक्षण संस्था चमोली से मिली पुष्टि के आधार पर डीईओ बेसिक हरेंद्र कुमार मिश्रा ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर बीईओ कार्यालय सितारगंज से अटैच कर दिया है।
“शिकायत की पुष्टि होने के बाद अनिल कुमार को निलंबित कर दिया गया है। अब आगे की जांच कराकर उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी।”
– हरेंद्र कुमार मिश्रा, डीईओ बेसिक