
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए खूनी आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लेकिन इस बार जवाब न सिर्फ शब्दों में है, बल्कि कदमों में भी है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे पूरी दुनिया को साफ संदेश मिल गया है – नई दिल्ली अब चुप नहीं बैठेगी।





22 अप्रैल की शाम, पहलगाम से करीब 5 किलोमीटर दूर बैसरन में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हमले के फौरन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी दौरा बीच में छोड़ भारत लौटे और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सबसे अहम कमेटी – CCS की आपात बैठक बुलाई।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। और इसके बाद जो फैसले हुए, वो पाकिस्तान के लिए किसी सर्जिकल स्ट्राइक से कम नहीं हैं।
भारत के 5 बड़े ऐक्शन:
1. ऑटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद करने का आदेश – सीमित आवाजाही पर पूर्ण विराम।
2. इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास को बंद करने का फैसला – रिश्तों की आखिरी डोर भी टूटी।
3. सिंधु जल संधि पर रोक – पानी की एक-एक बूंद अब भारत के हित में बहेगी।
4. भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का अल्टीमेटम।
5. पाकिस्तानी नागरिकों को भारत का वीज़ा नहीं मिलेगा – SAARC छूट योजना भी खत्म।
इसके साथ ही, पाक उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित किया गया है। सभी को एक हफ्ते के भीतर देश छोड़ना होगा। दोनों देशों के उच्चायोगों में स्टाफ की संख्या घटाकर 30 कर दी गई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने खुद घटनास्थल का दौरा किया, घायलों से मुलाकात की। वहीं NIA को इस हमले की जांच सौंप दी गई है। संदिग्धों के स्केच जारी हो चुके हैं, सुराग की तलाश तेज़ है।
पहलगाम में बहा खून अब चुप नहीं रहेगा। भारत ने न केवल कड़ा संदेश दिया है, बल्कि अपनी रणनीति से दिखा दिया है – आतंक को अब माकूल जवाब मिलेगा… हर बार, हर मोर्चे पर।