हाईकोर्ट की सीधी भर्ती परीक्षा में इस बार कोई भी अभ्यर्थी इंटरव्यू तक नहीं पहुंच सका, 600 अंकों की परीक्षा में सबसे कम 0 और सबसे ज्यादा सिर्फ 4 नंबर तक ही सिमट गए।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 11 और 12 फरवरी 2025 को कराई गई हायर ज्यूडिशियल सर्विस (HJS) की सीधी भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। लेकिन इस बार का रिजल्ट चौंकाने वाला है — कोई भी अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए पात्र नहीं पाया गया।
ये परीक्षा तीन पदों को भरने के लिए आयोजित की गई थी। ये पद सीधी भर्ती के माध्यम से अधिवक्ताओं से भरे जाने थे। लिखित परीक्षा के लिए 64 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, लेकिन परीक्षा में केवल 42 अभ्यर्थी ही शामिल हुए, जबकि 22 अनुपस्थित रहे।
जब परीक्षा का परिणाम सामने आया तो उसमें कई ऐसे आंकड़े थे, जो न्यायिक सेवा की गंभीरता पर सवाल उठाने वाले थे। कुछ अभ्यर्थियों को 100 में 0 अंक, 100 में 1 अंक, और 300 में केवल 4 अंक मिले।
परीक्षा कुल 600 अंकों की होती है और इसमें चार पेपर होते हैं, सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक, और आरक्षित वर्ग के लिए 45 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होता है।
लेकिन इस बार कोई भी अभ्यर्थी न्यूनतम अर्हता अंक तक नहीं पहुंच पाया, इसलिए किसी को साक्षात्कार के लिए योग्य नहीं घोषित किया गया।
हायर ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि इसके माध्यम से अतिरिक्त जिला न्यायाधीश या अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति होती है। इसके लिए कम से कम 7 साल की वकालत या कानूनी अनुभव अनिवार्य होता है। यह परीक्षा प्रदेश के उच्च न्यायालय या राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाती है।
अब चूंकि इस बार कोई भी उम्मीदवार सफल नहीं हुआ है, इसलिए इन पदों के लिए दोबारा आवेदन मांगे जाएंगे।
प्रदेश की न्यायिक सेवा में भर्ती के लिए इतनी कठिन परीक्षा और इतने निराशाजनक परिणाम—यह न सिर्फ तैयारी के स्तर को दर्शाता है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि कहीं कुछ गंभीर खामी तो नहीं है? क्या अब सिस्टम को दोबारा जांचने का वक्त आ गया है?