केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में अपना लगातार आठवां केंद्रीय बजट पेश किया, जो कई अहम घोषणाओं से भरा रहा। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है और पिछले 10 वर्षों में किए गए सुधारों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में सभी वर्गों के संतुलित विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बजट में कृषि, कपड़ा उद्योग, रोजगार, ग्रामीण विकास और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
1. कृषि और किसान कल्याण पर बड़ा जोर
- 100 जिलों में कृषि योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
- तुअर, मसूर और उड़द दाल उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए विशेष योजना।
- पारंपरिक सूती उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 5 साल की विशेष योजना।
- पीएम धन्य धान्य योजना से 100 जिलों को फायदा होगा।
- किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की गई।
2. गरीबों, महिलाओं और युवाओं के लिए खास योजनाएं
- ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं।
- महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए नए कार्यक्रम।
- रोजगार बढ़ाने के लिए स्टार्टअप्स और MSMEs को समर्थन।
3. ‘मेक इन इंडिया’ और उद्योगों को बढ़ावा
- विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं।
- रोजगार सृजन के लिए छोटे और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन।
- बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह बजट आर्थिक विकास को तेज करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”