रुद्रपुर में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने न्यायालयकर्मी विनोद कुमार की हत्या के मामले में दोषी पाए गए तीन अभियुक्तों, जिसमें उसकी पत्नी भी शामिल है, को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही, अदालत ने दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषियों को अतिरिक्त 6-6 महीने की कठोर सजा भुगतनी होगी।
साक्ष्य छुपाने पर भी सजा
अदालत ने साक्ष्य छुपाने के आरोप में भी दोषियों को 7-7 साल के कारावास की सजा सुनाई है।
घटना का विवरण
15 जनवरी 2019 की सुबह कुंडा के तत्कालीन ग्राम प्रधान मोहम्मद हनीफ ने पुलिस को सूचना दी कि ज्वाला पेट्रोल पंप के पास एक शव पड़ा हुआ है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बरामद किया, जिसकी पहचान सरवरखेड़ा निवासी और रुद्रपुर जिला न्यायालय के कर्मचारी विनोद कुमार के रूप में हुई।
परिवार का आरोप
मृतक के फुफेरे भाई दुष्पाल सिंह ने कुंडा थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि विनोद कुमार की पहली पत्नी का निधन हो चुका था। उसके बेटे की तबीयत खराब थी, जो आगरा के एक अस्पताल में भर्ती था। उसे देखने के लिए विनोद 14 जनवरी 2019 की रात घर से निकला था। अगले दिन उसकी हत्या की सूचना मिली।
जांच और सजा
जांच के दौरान पत्नी समेत तीन लोगों की संलिप्तता सामने आई। पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अब अदालत ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए तीनों दोषियों को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।