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हल्द्वानी में RTI एक्टिविस्ट भुवन पोखरिया पर कथित तौर पर तलवार से हमला करने की घटना का सच सामने आ गया है। पुलिस जांच में पूरा मामला फर्जी पाया गया है। भुवन पोखरिया ने खुद पर हमले की साजिश रचकर पुलिस सुरक्षा पाने की कोशिश की थी। आइए जानते हैं पूरा मामला।

गौलापार निवासी RTI एक्टिविस्ट भुवन पोखरिया ने 15 दिसंबर को आरोप लगाया था कि उनकी कार को दानीबंगर मोड़ के पास काले रंग की स्कॉर्पियो में सवार चार लोगों ने रोका और तलवार से हमला किया। उन्होंने पुलिस पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित न करने का भी आरोप लगाया था।

पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला। कार में सवार अन्य परिजनों के बयान भी घटना की पुष्टि नहीं कर पाए।

एसओटी (एसपी सिटी, प्रकाश चंद्र):

“जांच में पाया गया कि भुवन पोखरिया ने पुलिस सुरक्षा पाने के लिए हमले की झूठी कहानी रची थी। उनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय में पेश की गई है।”

इतना ही नहीं, घटना के तीन दिन बाद भुवन पोखरिया ने पुलिस बहुउद्देशीय भवन पहुंचकर हंगामा किया। उन्होंने एलआईयू के दरोगा मनोज कुमार को अपशब्द कहे, जिसके चलते उन पर अलग से मुकदमा दर्ज हुआ।

पुलिस ने भुवन पोखरिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अब न्यायालय के आदेश पर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी, RTI एक्टिविस्ट भुवन पोखरिया का झूठा दावा उजागर होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इस तरह की घटनाओं से असली पीड़ितों की आवाज को कितना नुकसान होता है। फिलहाल, पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने सच को सामने लाकर प्रशंसा पाई है।

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