श्री गुरुनानक देव जी की जयंती पर हम आपके लिए कुछ खास लेकर आए हैं, कार्तिक मास की पूर्णिमा पर गुरु नानक जी का जन्म हुआ था। नानक जी के जीवन से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिनमें जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए गए हैं। जानिए एक ऐसा किस्सा, जिसमें नानक जी ने बुरी आदत छोड़ने का तरीका समझाया है।
गुरु नानक जी यात्राएं करते रहते थे और जहां ठहरते थे, वहीं उनके उपदेश सुनने काफी लोग पहुंचने लगते थे। एक गांव में नानक जी ठहरे हुए थे, वहां एक डाकू रोज उनके उपदेश सुनने आने लगा।
डाकू बहुत ध्यान से नानक जी की बातें सुनता था। एक दिन वह अकेले में गुरुनानक के पास पहुंच गया और अपने बारे में बताया कि मैं एक डाकू हूं। आपके उपदेश सुन रहा हूं। मैं गलत काम छोड़ना चाहता हूं, आप बताएं ये कैसे होगा?
नानक जी ने कहा कि इसका तो एक ही तरीका है, तुम्हें खुद सोचना है और ये बुरी आदतें छुट जाएंगी। बार-बार सोचो मुझे बुराई छोड़नी है, मुझे बुराई छोड़नी है तो ये आदत छूट जाएगी, गुरु नानक जी की बातें सुनकर डाकू उस समय तो चला गया, लेकिन कुछ दिन बाद वह वापस आया और बोला कि मेरी बुरी आदतें तो छुट ही नहीं रही हैं।
गुरुनानक ने कहा कि अब से एक काम करना जब भी कोई बुरा काम करो तो रोज उस काम के बारे में किसी न किसी को जरूर बताना, डाकू ने सोचा कि ये भी करके देख लेते हैं। ये तो वैसे भी बहुत आसान बात है। कुछ दिनों के बाद वह डाकू फिर से नानक जी के पास पहुंचा। नानक जी ने उसे देखते ही पूछा कि तुम्हारी बुरी आदतें दूर हुईं या नहीं।
डाकू बोला कि आपने जो तरीका बताया था, वह तो बहुत मुश्किल था। रोज-रोज अपने गलत काम दूसरों को बताना बहुत मुश्किल है। रोज-रोज ऐसा करके मेरे मन पर बोझ बढ़ने लगा। मैं अपने गलत काम दूसरों को बताकर तंग हो गया था तो मैंने संकल्प ले लिया कि अब से मैं गलत काम करूंगा ही नहीं। संकल्प लेने के बाद से मैंने कोई गलत काम नहीं किया और मेरी बुरी आदतें दूर हो गईं।
इस किस्से की सीख
हमें बुरी आदतें छोड़ने के लिए मजबूत संकल्प करना होगा। अगर संकल्प मजबूत नहीं होगा तो आदतें और ज्यादा बिगड़ती रहेंगी।