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राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से सम्बद्ध बेस अस्पताल श्रीकोट में नवजात की मौत होने पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने आरोप लगाते हुए नवजात की मौत का कारण डॉक्टरों की लापरवाही बताया. जिसके चलते अस्पताल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. परिजनों ने ये भी आरोप लगाया कि प्रसूता के ऑपरेशन के लिए गायनी वार्ड में तैनात एक डॉक्टर ने पैसे भी लिए. अब उन्होंने नवजात की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

इतना ही नहीं मामले को लेकर परिजनों ने सीएम हेल्पलाइन नंबर पर अपनी शिकायत भी दर्ज करवाई है. उन्होंने अस्पताल प्रशासन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई है. उन्होंने मामले में कार्रवाई न होने पर अस्पताल परिसर में आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है, प्रसूता के ससुर आरके शर्मा ने बताया कि जब उनकी बहू अस्पताल में भर्ती हुई तो पहले उन्हें नॉर्मल डिलीवरी होने की बात कही गई. इसके लिए उनकी बहू को चार दिन अस्पताल में रखा गया. इसके बाद आनन-फानन उन्हें ऑपरेशन करने की बात कही गई. साथ ही आरोप लगाया कि उनसे ऑपरेशन करने के बदले पैसे भी लिए गए. इस दौरान सिजेरियन ऑपरेशन से नवजात को बाहर निकाला गया, लेकिन नवजात की हालत बिगड़ती चली गई. नवजात को एनआईसीयू में भी रखा गया, लेकिन उसकी मौत हो गई.

परिजनों ने नवजात की मौत को डॉक्टरों की लापरवाही बताया. उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है. वहीं, प्रसूता की सास पुष्पा शर्मा ने बताया कि उनके साथ अभद्रता भी की गई. सही से उनके मरीज की स्थिति को भी उनसे छुपाया गया. उन्होंने बताया कि बच्चे की मौत के बाद उनकी बहू की हालत भी नाजुक है, जिसके लिए उन्होंने अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया, वहीं, दूसरी तरफ बेस अस्पताल में एमएस के मौजूद न होने पर परिजनों से मुलाकात करने ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर सतीश कुमार पहुंचे. जहां डॉ. सतीश ने परिजनों को बताया कि उनकी सभी बातों को उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दिया जाएगा. जिसके बाद अस्पताल के उच्चाधिकारी ही मामले में ठोस कार्रवाई कर सकते हैं.

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