फर्जी फायर NOC बांटने वाले विभाग की जांच ठंडे बसते में, किसी और विभाग ने किया होता तो अब हो जाती एसआईटी जांच।

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एनएच 74 और सिडकुल घोटालो की जांच करने वाली जिले की एसआईटी अपने विभाग की जांच से क्यों पीछे हट रही है।

राजीव चावला/ ख़बर पड़ताल

रूद्रपुर। अग्निशमन विभाग में हुए घोटाले का अब तक पुलिस के द्वारा जांच कर खुलासा नहीं किया गया है। आपको बता दें कि रुद्रपुर मुख्यालय अग्निशमन विभाग कार्यालय से जारी की गई फर्जी फायर noc और उत्तराखंड की जगह उत्तर प्रदेश की कई फैक्ट्री को दी गई ऑफलाइन noc मामले में ना तो जांच पूरी हो पाई है और ना ही कार्रवाई की गई है।

हालांकि जब खबर पड़ताल ने फर्जी फायर एनओसी और ऑफलाइन फर्जी एनओसी का खुलासा किया था। तो उक्त पूरे मामले में तत्कालीन एसएसपी दलीप सिंह कुंवर के द्वारा उस दौरान जांच एसपी सिटी ममता वोहरा को दी गई थी। लेकिन दोनो ही अधिकारियों का तबादला हो गया।
लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी अब तक उक्त मामले की जांच किसके पास है? कौन कर रहा है? कहां तक जांच पहुंची है? कितने कर्मचारी अधिकारियों के ब्यान लिए गए हैं? इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है।

हमारे द्वारा किए गए खुलासे में खुद सीएफओ वंश बहादुर यादव ने भी माना है कि विभाग से ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन एनओसी जारी हुई है, जो एक बड़ी चूक है। क्यों की 2016 से विभाग ऑनलाइन हो गया है, जिसमे एनओसी ऑनलाइन नही बल्कि ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत दी जाती है। इसकी जांच के लिए सीएफओ खुद जिले के एसएसपी को लिख चुके है।

जबकि कुछ दिनो पूर्व ही अग्निशमन जिला मुख्यालय का निरीक्षण करने के लिए खुद जिले के तेजतर्रार एसएसपी मंजूनाथ टीसी पहुंचे थे।

ख़बर पड़ताल ने जिले के कप्तान मंजूनाथ टीसी को भी उक्त मामले से अवगत कराया था तो कप्तान साहब ने कहा था कि उसे मामले में जल्दी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं इस पूरे मामले में डीआईजी नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि जल्द ही मामले की जांच कराई जाएगी, उनके संज्ञान में मामला नही था।
और वह जिले के अधिकारियों से बात करेंगे कि जांच कहा तक पहुंची है।
जो भी दोषी होगा बक्शा नहीं जायेगा ,कार्यवाही की जायेगी।

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