*भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा बिहार में बन रहा देश का सबसे बड़ा पुल, एक हिस्सा हुआ ध्वस्त; तीन पिलर का गर्डर गिरा, 1 की मौत..*

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देश का सबसे बड़ा पुल आज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, बता दें की बिहार के सुपौल में बन रहा देश का सबसे बड़ा बकौर पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. बताया जा रहा है कि पुल का तीन पिलर का गर्डर गिरा है. घटना सुबह के करीब सात बजे की बताई जा रही है. इस घटना में कई मजदूरों के दबने की खबर है, जिसमें से 1 की मौत हो गई है, वहीं अन्य का रेस्क्यू किया जा रहा है. बकौर पुल के निर्माण की लागत 1200 करोड़ रुपए की बताई जा रही है, कोसी नदी पर भारत माला परियोजना के तहत इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था. तभी अचानक पिलर संख्या 153 और 154 के बीच का 3 सेगमेंट क्रेन से छूटकर गिर पड़ा. इस घटना में पुल पर काम कर रहे बंगाल के कई मजदूर दब गए. अभी कितने लोग इस हादसे की चपेट में आए हैं इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है।

हादसे के बाद पुल निर्माण के अधिकारी फरार

हादसे के बाद पुल पर काम कर रहे पुल के अधिकारी-कर्मचारी फरार हो गए हैं. बाकी जो इस हादसे की चपेट में आए उन्हें स्थानीय लोगों ने बाइक के जरिए अस्पताल पहुंचाया. एक स्थानीय के मुताबिक अब तक वो लोग 15 से 20 लोगों को बाइक के माध्यम से अस्पताल पहुंचा चुके हैं, स्थानीय लोगों ने 35-40 लोगों के मरने का दावा किया है. उनका कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. अभी तक मौके पर पुलिस प्रशासन और रेस्क्यू टीम नहीं पहुंची है. पुल गिरने की घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. पुल पर काम कर रहे स्टाफ के भाग जाने से भी लोग गुस्से में हैं।

पुल की गुणवत्ता गड़बड़ है, हमलोग शुरू से ही इसकी शिकायत कर रहे थे. लेकिन हमपर ही रंगदारी मांगने का आरोप लगाया जाता था. अगर कोई भी आवाज उठाता था तो पुलिस को भेज देते थे. जिससे बाद सबने बोलना छोड़ दिया. लगभग 35-40 लोगों की मौत हुई है, लेकिन कंपनी के एक भी लोग यहां नहीं पहुंचे है. हमलोग बाइक से 15-20 लोगों को अस्पताल पहुंचाए हैं.”- सुरेंद्र प्रसाद यादव, स्थानीय

पुल का लगभग काम पूरा

इस पुल में कुल 171 पिलर बन रहे हैं. जिसमें डेढ़ सौ से ज्यादा पिलर का निर्माण हो चुका है. एप्रोच पथ का काम होना बाकी है. मधुबनी और सुपौल के बीच बकौर पुल का निर्माण किया जा रहा है. यह देश का सर्वाधिक लंबा पुल है. असम के भूपेन हजारिका ब्रिज से भी एक किलोमीटर लंबा है. पुल हादसे पर प्रशासनिक पुष्टि का इंतजार है।

10.2 किमी है पुल की लंबाई

केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इस पुल को बना रहा है. पुल की लंबाई लगभग 10.2 किलोमीटर है. इस महापुल के बनने से पुल सुपौल और मधुबनी के बीच की दूरी सिमटकर 30 किलोमीटर की रह जाएगी. इस पुल के न होने पर बरसात में संपर्क कट जाता था. यही नहीं 100 किलोमीटर की दूरी भी बढ़ जाती थी. बिहार में पुल गिरने का ये सिलसिला कोई नया नहीं हैं. इससे पहले भी पुल गिरने के हादसे हो चुके हैं.पुल के धवस्त होने से इसके निर्माण कार्य पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

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