*पिता को नहीं आया मासूमों पर तरस, तीन बच्चों को छोड़कर हो गया फरार और फिर आगे…*

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बच्चे माता पिता के दिल का टुकड़ा होते हैं लेकिन एक दर्दनाक खबर सामने आई है जहां धर्मनगरी हरिद्वार में एक युवक पर बच्चों को धर्मशाला में छोड़ने का आरोप लगा है.तीनों बच्चे पिता का इंतजार करते रहे, लेकिन पिता के ना पहुंचने पर वो रोने बिलखने लगे. जिसके बाद धर्मशाला प्रबंधक कमेटी ने घटना की सूचना पुलिस को दी. बताया जा रहा है कि पत्नी के पति के छोड़ने के बाद उसने बच्चों को लावारिस छोड़ दिया. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

पिता ने बच्चों को छोड़ा

हरिद्वार में पिता से बच्चों के बिछड़ने का मामला सामने आया है. इनमें एक युवक बुलंदशहर सिकंदराबाद से अपने तीन बच्चों के साथ धर्मनगरी पहुंचा. इनमें एक बेटी दस वर्ष, बेटा नौ वर्ष और दूसरी बेटी 8 वर्ष की थी. युवक ने एक धर्मशाला में कमरा लिया और महाशिवरात्रि के दिन तीनों बच्चों को धर्मशाला के बाहर छोड़कर फरार हो गया. तीनों बच्चे पिता का इंतजार करने के बाद रोते बिलखते फिर से धर्मशाला पहुंचे. यहां पर प्रबंधक रामकुमार ने पूछा तो बच्चों ने पिता से बिछड़ने की बात बताई. दो दिन इंतजार के बाद धर्मशाला प्रबंधक कमेटी कोतवाली पहुंची और बच्चों को पुलिस के सुपुर्द किया.

 

घटना की असल वजह रही ये

बुलंदशहर से हरिद्वार आए युवक को उसकी पत्नी ने दो साल पहले छोड़ दिया था. बताया जा रहा है कि युवती सिकंदराबाद निवासी एक युवक के साथ हरिद्वार आई थी. लड़की का कहना है कि उसकी मां गंगा घाट पर दिखी थी, लेकिन पिता से नहीं मिली. बच्चों ने भी उससे मान मुनव्वर की, लेकिन वह नहीं मानी. इस पर उसके पिता ने उन्हें लावारिस हाल में छोड़ दिया. वहीं, कोतवाली पुलिस का कहना है कि बच्चों की मां को बुलाया गया है. पिता को भी जल्द ही आने के लिए कहा गया है. आपसी समझौते के आधार पर बच्चों को उनके सुपुर्द किया जाएगा

कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि पुलिस-प्रशासन द्वारा लगातार सर्च अभियान चलाया जाता है. जिसमें जो भी बच्चे लावारिस अवस्था में घाटों पर पाए जाते हैं, उन्हें उनके परिजनों से मिलाने का प्रयास किया जाता है. जिसके लिए हरिद्वार के एसएसपी द्वारा एक विशेष टीम भी बनाई गई है, जो इसी कार्य पर फोकस करती है।

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