*”रक्षक ही बन गया भक्षक”, वर्दी की आड़ में एएसआई ने किया 12 साल की बच्ची का शोषण, जानिए कैसे खुली पोल….*

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जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो वह लोग कहां जाएं जिन्हे पुलिस से न्याय की उम्मीद होती है, आपको बता दें की वर्दी को कलंकित किया गया है, पढ़िए पूरा मामला…

 

बता दें की एक वर्दीधारी ने अपनी हरकत से पूरे रांची पुलिस विभाग को शर्मसार कर दिया. वह एक वर्दीधारी रक्षक से भक्षक में बदल गया. जब उसकी करतूतों का खुलासा हुआ तो खुद पुलिस का भी सिर शर्म से झुक गया. वर्दी की आड़ में उस पुलिसकर्मी ने ऐसी हरकत की कि लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. उस पुलिसकर्मी ने 12 साल की मासूम बच्ची को लगातार अपनी हवस का शिकार बनाया. वह करीब एक साल तक बच्ची से दुष्कर्म करता रहा। जब इस मामले की सच्चाई सामने आई तो हर कोई हैरान रह गया।

 

पुलिस की वर्दी को दागदार करने वाला बदमाश रांची के शुकदेव नगर थाने में तैनात था. वह एक एएसआई हैं. जो एक साल तक 12 साल की बच्ची से दरिंदगी करता रहा। इस गंभीर आरोप के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. एएसआई की पहचान नीरज खोसला के रूप में हुई है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस के आला अधिकारियों से सुरक्षा की मांग की है.

 

नाबालिग पीड़िता की मां ने आरोपी परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी परिवार से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं. गुरुवार को तो सारी हदें तब पार हो गईं जब आरोपी की मां, पत्नी और दो सालों ने मिलकर पीड़िता के पिता की पिटाई कर दी. और उन्हें केस वापस लेने की धमकी दी.

 

पीड़िता की मां ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा की मांग की है और सुरक्षा को लेकर महिला थाने से भी संपर्क किया है. उन्होंने बताया कि उनकी 12 साल की बेटी के साथ पिछले एक साल से यौन शोषण किया जा रहा था. लेकिन उन्हें इस सारी समस्या के बारे में 10 नवंबर 2023 को पता चला, जब उनकी बेटी ने पेट दर्द की शिकायत की.

 

इसके बाद 14 नवंबर को रांची के महिला थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. और पुलिस हरकत में आ गई. दो दिन बाद आरोपी एएसआई नीरज खोसला को गिरफ्तार कर लिया गया.

 

एसएसपी चंदन सिन्हा ने कहा कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और सबूतों के आधार पर कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि मामला दर्ज होने के तुरंत बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. इस बीच पीड़िता के समर्थन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आगे आया है. वे पूरा सहयोग कर रहे हैं. डीएलएसए सचिव राकेश रंजन ने कहा कि उन्होंने पीड़िता के लिए पॉक्सो मुआवजे की मांग की है. वे पीड़िता को हर संभव मदद और कानूनी सहायता भी प्रदान कर रहे हैं।

 

वे इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कैसे कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से पीड़ित को समर्थन और मदद दी जा सकती है. राकेश रंजन ने कहा कि उन्होंने रांची के एसएसपी को भी पत्र लिखकर पीड़ित परिवार को मिल रही धमकियों और खतरे की जानकारी दी है. गवाहों और सबूतों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन का कर्तव्य है. एएसआई के पीड़ित नीरज कमजोर सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं. उनके पिता एक निर्माण स्थल पर काम करते हैं. वे घबराए हुए और डरे हुए महसूस कर रहे हैं।

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