उत्तर प्रदेश के 16 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण प्रदेश के कई जिलों में पानी भरा हुआ है. यहां के कुछ इलाकों में तेज बारिश के कारण भी जलजमाव हो गया है. बाढ़ के कारण लखनऊ-दिल्ली हाईवे को बंद कर दिया गया है. बीते चौबीस घंटे में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में डूबने और आकाशीय बिजली गिरने से ग्यारह लोगों की जान जा चुकी है।
बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को हर दिन की जरूरत से जुड़े सामान को लेने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. घर, स्कूल, अस्पताल में पानी भरा हुआ है, सड़कें जाम हैं. वाहनों की आवाजाही प्रभावित है. बाढ़ का पानी जमा होने से सांपों का साया भी लोगों पर बना हुआ है. कई ऐसे जीव जो कि खुद के बिल बनाकर रहते हैं वो अब बाढ़ आने से बाहर निकले हुए हैं।
स्कूल किए गए बंद
प्रदेश में बाढ़ के कारण पानी भरा होने से हरदोई में जिलाधिकारी ने 80 से ज्यादा स्कूलों को 18 जुलाई तक बंद करने के आदेश दिए हैं. सैकड़ों गांवों में बारिश का पानी भरा हुआ है. लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
यूपी में बाढ़ से कुल 16 जिले प्रभावित हैं. बाढ़ से प्रभावित होने वाले इन जिलों में लखीमपुर, गोंडा, बलरामपुर, कुशीनगर, शहाजहांपुर, बलिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, सीतापुर, गोरखपुर, बरेली, आज़मगढ़, हरदोई, अयोध्या, मुरादाबाद, बहराइच शामिल हैं. बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में राहत और बचाव के लिए NDRF और SDRF कि 15 बटालियन लगाई गई हैं. साथ ही यूपी PAC की 28 बटालियनें भी तैनात की गई हैं. वैसे कुछ ज़िलों में बाढ़ का पानी उतरने भी लगा है. पर राप्ती, सरयू, गंडक, रामगंगा और घाघरा जैसी नदियां अब भी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।